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सुधीर शर्मा

सरकार स्पष्ट करे, किन परिस्थितियों में  प्रकाश जावडेकर  जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय की नींव पत्थर रख शिलान्यास किया? : सुधीर शर्मा

धर्मशाला, सनी महाजन  

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं हिमाचल के पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला कैंपस के निर्माण के लिए पत्राचार किया. पत्राचार द्वारा सुधीर शर्मा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को धर्मशाला की भौगोलिक स्थितियों से अवगत करवाया और मौजूदा स्थितियों को देखते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय भवन के निर्माण करवाने के लिए भी आग्रह किया. उन्होंने धर्मशाला को मुख्य केंद्र बताते हुए धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय भवन का निर्माण ना करवाने हेतु स्पष्टीकरण भी मांगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे गए पत्र में उन्होंने कहा कि  केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश स्थित धर्मशाला की स्थापना के लिए उपजे भूमि चयन विवाद की परिस्थितियों को प्रदेश की जनता के सामने लाने के लिए स्पष्टता चाहते हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2006 में यह निर्णय लिया कि हर संसदीय क्षेत्र में एक सरकारी संस्थान खोला जाएगा जिसके अंतर्गत कागड़ा संसदीय क्षेत्र के लिए केंद्रीय  विश्वविद्यालय, शिमला संसदीय क्षेत्र के लिए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए आईआईटी का निर्माण किया जाएगा. जिनकी घोषणा तत्कालीन केंद्रीय यूपीए सरकार द्वारा की गई थी और उसके बाद हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लिए ऐम्स दिया गया। केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए यह निर्णय लिया गया कि कांगड़ा जिला के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के स्थान इंदूनाग में केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाएगा, जिसे बाद में बदलकर जदरांगल स्थानांतरित कर दिया गया। सुधीर शर्मा ने लिखा कि जदरांगल की जमीन पर जिस तरह से भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण  की रिपोर्ट आई है, वह पूर्ण रूप से बेबुनियाद है एवं राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने लिखा कि वह जानना चाहते हैं कि  जब पहले ही यह निर्धारित किया गया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालय का एक हिस्सा धर्मशाला में व एक हिस्सा देहरा में बनेगा और उसके उपरांत भी अगर धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए जमीन उपयुक्त नहीं है तो किन परिस्थितियों में  प्रकाश जावडेकर जी ने वर्ष 2019 में जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय की नींव पत्थर रख शिलान्यास किया?

उन्होंने पत्राचार द्वारा केंद्रीय मंत्री से यह भी पूछा  कि जब केंद्रीय विश्वविद्यालय का जदरांगल में शिलान्यास हुआ है व 24 हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र से बाहर है व निर्माण के लिए उपयुक्त हैं, तो किस राजनीतिक दबाव के कारण विश्वविद्यालय निर्माण के लिए इस भूमि को उपयुक्त नहीं पाया जा रहा है, यदि धर्मशाला भूकंप संभावित जोन के अंतर्गत आने वाला संवेदनशील क्षेत्र है तो क्या सरकार ने यहां के लोगों के लिए ऐसा कोई अलर्ट जारी किया है? जिसके अंतर्गत यहां बहुम जिला इमारतें एवं भवन न बनाए जा सकें और क्या सरकार यहां के लोगों को यहां से दूर ले जाकर उनके लिए अन्य स्थाई प्रबंध करने पर विचार कर रही है?

केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखे गए पत्र में सुधीर शर्मा ने लिखा कि धर्मशाला में महामहिम दलाई लामा जी का निवास है, निर्वासित तिब्बती सरकार का मुख्यालय है, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है, हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी होने के नाते विधानसभा भवन भी है, कई महत्वपूर्ण कार्यालय हैं तो फिर केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण धर्मशाला में क्यों नहीं हो सकता है?

जनता के मन में यह भ्रा ती है कि यह राजनीतिक दबाव में लिया गया फैसला है, जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त करना चाहिए। महोदय, हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है जिसमें लगभग सभी क्षेत्रों में एक समान भूमि है जिससे सरकार भी अनभिज्ञ नहीं हैं, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने पत्राचार द्वारा केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया  कि इस पूरे मामले में गंभीरता से विचार करते हुए जनहित में उचित फैसला लें ।



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