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DALAI LAMA

भारत का रहेगा अहम योगदान 

DHARAMSHALA | SUNNY MAHAJAN

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की बढ़ती उम्र के साथ उनके उत्तराधिकार का मसला और गंभीर हो गया है. चीन अपनी ओर से किसी ऐसे व्यक्ति को दलाई लामा के तौर पर स्थापित करने की कोशिश में है, जिसका समर्पण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति हो लेकिन अमेरिका ने पिछले साल तिब्बतन पॉलिसी एंड सपोर्ट एक्ट पास कर साफ संदेश दे दिया है वह चीन के ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ खड़ा है. ओग्येन ट्रिनले दोर्जी करमापा को भी धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी के रूप में तिब्बत के लोग देख रहे हैं . मार्च, 2021 में बाइडेन प्रशासन ने भी इस अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में चीनी सरकार का कोई हाथ नहीं होना चाहिए. धर्मगुरु दलाई लामा को विश्वास है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की विशेष समवन्वयक अजरा जिया तिब्बती लोगों की स्थिति को लेकर अपनी अहम भूमिका निभाएंगी। तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामा सबसे ज्यादा सम्मानजनक और मान्य धार्मिक नेता होते हैं. फिलहाल दलाई लामा के उत्तराधिकार का मसला अनिश्चित है.

धर्मगुरु  दलाई  लामा के बयानों का विश्लेषण किया जाए तो कई बातें निकल कर सामने आती हैं बातें सामने आई हैं.  यह हो सकता है कि 14वें दलाई लामा के बाद यह पद खाली रहे. दलाई लामा पद को खत्म करने की बात कह चुके हैं.  दलाई लामा ने यह भी कहा है तिब्बती लोग फैसला करें कि उन्हें इस पद पर कोई चाहिए या नहीं. एक और बयान में दलाई लामा चार साल बाद यानी 90 साल का होने के बाद तय करेंगे कि वे फिर से जन्म लेंगे या नहीं. चौथी संभावना है कि दलाई लामा अपने अंत से पहले ही अगले दलाई लामा को चुन सकते हैं. ऐसे हुआ तो दलाई लामा अपनी आध्यात्मिक शक्तियां उत्तराधिकारी को स्वयं जीवित रहते दे देंगे. और आखिर में संभावना है कि अगर धर्मगुरु दलाई लामा अपनाते हैं तिब्बत के बाहर त्यागते हैं  और पंचेन लामा गायब रहते हैं तो उनका पुनर्जन्म तिब्बत से बाहर भी हो सकता है. लेकिन धर्म गुरु ने अपने शेष जीवन को भारत में ही गुजारने का निर्णय लिया है. 

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ऐसा होने पर पंचेन लामा की सहायता से दलाई लामा के पुनर्जन्म को तिब्बत में ढूंढकर गद्दी पर बैठाने की कोशिश करेगा. इतना ही नहीं दलाई लामा ने एक औरत के रूप में भी पुनर्जन्म हो सकने की बात भी कही है. हालांकि उन्होंने इस बात में यह भी जोड़ा था कि ऐसा हुआ तो वह एक बहुत सुंदर औरत होगी, जिसके बाद उनकी इस टिप्पणी की काफी आलोचना हुई थी और उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी.

 यह तय है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने में भारत का रोल निर्णायक होगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि पूर्वी लद्दाख में हुई भारत-चीन सेनाओं की झड़प के बाद चीन को भारतीय शक्ति का अंदाजा हो चुका है. हालांकि यह भी तय है कि अगर भारत, अमेरिका की तरह तिब्बत मुद्दे और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करता तो चीन के सामने इसे उसकी कमजोरी के तौर पर ही आंका जाएगा. दलाई लामा की बढ़ती उम्र भारत को अपनी तिब्बत नीति को लेकर स्पष्ट होने का इशारा कर रही है.



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